मसजीद कैसी हो?
🕌 *मुसलमानों को कैसी मस्जिद चाहिए?* 🕌 मुसलमानों को ऐसी मस्जिदों की जरूरत है जहां सिर्फ नमाज़ सिर्फ पढ़ने के आलावा कुछ नीचे दिए हुवे काम भी होते हों। ये काम अगर हो जाए तो रुकी हुवी खैर और भलाई जल्द अजाए। ये सब (या बहुत से ) काम मस्जिद नबवी और सहाबा के दौर में हुआ करते थे। - हर (या कम से कम हर नमाज़) के वक़्त कोई उस्ताद/टीचर की मौजूदगी जो लोगों को दिन इस्लाम, अकीदा, सुरह फातिहा , आत्तहियात, कुरान, नमाज़ (पढ़ने और करने की चीजें) सिखाए। चाहे लोग पांच मिनट के लिए भी मस्जिद में आते हैं या मस्जिद का तहारत खाना/टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए सही। और जिस तरह रोज़ाना चंदे का एलान होते हैं, इसका भी एलान हो। - जुमा बायन समाजी मुद्दों पर नर्म अंदाज़ में वक्त की पाबंदी के साथ करना। लोगों से भी जुमा बयान टॉपिक के बारे मशवरा करते रहना। जुमा के बयान की २ दिन पहले ही तैयारी करना। जरूरी बातों को पेपर पर लिख लेना और किसी दूसरे शक्स से रिव्यू/नज़र सानी कराना। टॉपीक को पहले से ही लोगों को बता देना या नोटिस बोर्ड पर लिख देना। कभी कभी अरबी खुतबे का मतलब भी बताते रहना। - इमाम की ज़ि...